साईं भजन
गीत बन कर तू मुस्कुराया है
साईं नाम का दिया जलाया है
नाम लब पर सुबह शाम आया है
आरती सा अपना मन बनाया है
साईं मनके से मन फिरा नहीं
दुनियाँदारी में मन को लगाया है
मेरे विलाप तूम भी सुन सको तो
जमाने की हर ठोकर को खाया है
तुम्हारे बिन मिटते नहीं मन के अँधेरे
उजालों में आज हमने घर बनाया है
चाँद तारो का जहान लगता है अपना
"अरु " ने साईं को अपने बुलाया है
आराधना राय अरु
साईं नाम का दिया जलाया है
नाम लब पर सुबह शाम आया है
आरती सा अपना मन बनाया है
साईं मनके से मन फिरा नहीं
दुनियाँदारी में मन को लगाया है
मेरे विलाप तूम भी सुन सको तो
जमाने की हर ठोकर को खाया है
तुम्हारे बिन मिटते नहीं मन के अँधेरे
उजालों में आज हमने घर बनाया है
चाँद तारो का जहान लगता है अपना
"अरु " ने साईं को अपने बुलाया है
आराधना राय अरु
SO NICE
ReplyDeleteआभारी हूँ आपकी
Deleteआभारी हूँ आपकी
Deletebahut sunder bhakti rachana hai ,aradhana ji , aasha karta hun ki ab aapka swasthya theek hoga , aapke nirogi hone ke liye prabhu se kar badh prarthee hun.
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