Posts

Showing posts from September, 2016

तेरी मुरलिया सुन

Image
साभार गुगल प्रसंग----       कान्हा जब बिरज छोड़ जाते है तेरी मुरलिया सुन कर राधा लोक ये भूल चली मधुबन में सखि राधा प्यारी मन को छोड़ चली श्याम सखि अब कौन पुकारे कान्हा जल बिंदु बने होठों पर हँसी आई की तूम से हर आस जुड़ी पाई करुणमयी बादल सा कभी लगे माँ के आँचल सा पागल मनवा रीत ना जाने अजब सी प्रीत  भरे तड़प के बोले बोल कोयलिया श्यामा क्या रंग भरे काला सधन मेध ये बोले, कैसो - कैसो दरस  मिले आराधना राय

गीतों की बाती

Image
आंसुओं से पग पग धो कर कब से आई रे गीतों की बातीआसुओं की माला पहनाई रे जिन नयनों से किया दरस पिया का आजहू रो - रो के मन के दिए जलाए  क्यों मन को अब कोई ठोर ना दिखता बावरा हो कर मन आस क्यों जगाए रे मिटटी की मूरत माटी की गति ही पाए रह गया मन के संबधो का पतला धागा सब कुछ स्मृति के नीर से बहता जाए रे पागल मनवा सुनता नहीं निज मन की आंसुओं से पग पग धो कर कब से आई रे गीतों की बातीआसुओं की माला पहनाई रे आराधना राय अरु